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स्वर्गीय गीत

फ़िल्म | सूरह फ़ुस्सिलत से "हुसैन मंसूर" की श्रव्य कविता

IQNA-निम्नलिखित में, आप सूरह फ़ुस्सिलत से मिस्र के एक क़ारी हुसैन मंसूर के श्रव्य पाठ का एक भाग सुनेंगे।

 

 

إِنَّ الَّذِينَ قَالُوا رَبُّنَا اللَّهُ ثُمَّ اسْتَقَامُوا تَتَنَزَّلُ عَلَيْهِمُ الْمَلَائِكَةُ أَلَّا تَخَافُوا...... ﴿ 30 ﴾

वास्तव में, जो लोग कहते थे, हमारा पालनहार ईश्वर है, फिर उठ खड़े हुए, फ़रिश्ते उन पर उतरेंगे [और कहेंगे] तुम डरो नहीं?

सूरह फ़ुस्सिलत

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